मधुर वाणी

जब आपको खुद से मतलब कम और दूसरों से मतलब ज्यादा होने लगी तो समझ जाइए कि आप अपने मार्ग से भटक चुके हैं।अब आप का कुछ नहीं हो सकता है। अब आप खत्म व्यक्ति बन चुके हैं।

Comments

Popular posts from this blog

Sri krishna and Yaduvanshi